Tuesday, May 5, 2020

इरफ़ान खान -एक सफर का अंत।

इरफ़ान खान -एक सफर का अंत।
कहते हैं जो आया है उसने जाना ही है ये अटल सत्य है ,बीते कुछ दिनों में बॉलीवुड के इस महान सितारे  ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया ।
इरफ़ान खान का जनम जयपुर में  मुस्लिम पठान फॅमिली में हुआ। उनको पहला ब्रेक एक टीवी सीरियल में मिला जहाँ से उन्होनें कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वो अपने अकेले के दम पर बॉलीवुड सिनेमा पर ऐसी छाप छोड़ी जहाँ से उनकी कामयाबी सिर्फ हिंदी सिनेमा तक ही सीमित नहीं थी उन्होनें स्लुम्दोग मिलियनेयर , लाइफ ऑफ़ पाई जैसे फिल्म्स में अपनी एहम भूमिका निभाई जिसके लिए उनको नेशनल अवार्ड से भी नवाज़ा गया।



पिछले २ साल से कैंसर से जूझ रहे इरफ़ान खान की आखिरी फिल्म थे अंग्रेजी मेडिओम थी हलाकि लॉकडाउन के चलते इस फिल्म को इतने विएवेर्स नहीं मिले मगर फिर भी जितने दिन ये थिएटर पर रही इसने कमाल ही किया । इरफ़ान अपने अभिनय को लेकर बहुत चूज़ी रहे हैं उन्होंने सिर्फ वही फिल्मो की जो उनके अभिनय को सूट करती थी । उनके निधन से ठीक ५ दिन पहले उनकी माँ का निधन हुआ हलाकि लॉकडाउन  वो उनकी आखरी विदाई के लिए जा न सके मगर आज वो हमेशा के लिए अपनी माँ की गोद में सो चुके हैं ।
इरफ़ान खान की कुछ फिल्म्स ऐसी फिल्म्स जो दर्शाती हैं एक मझे हुए कलाकार की खासियत।

१- पीकू
२- तलवार
३- लंचबॉक्स - ये फिल्म जिसने ग्रैंड रेल डी' और कांन्स में अपनी जगह बनायीं
४- स्लुम्दोग मिलियनेयर -इरफ़ान खान का टर्निंग पॉइंट इस फिल्म ने ८ ऑस्कर जीते और इरफ़ान खान को आउटस्टैंडिंग परफ़ॉर्मर करार दिया ।

भले ही आज ये अभिनेता हमारे बीच में नहीं है मगर इनकी कामयाबी का सफर हम सबके लिए प्रेरणा दायक है , इससे यह सीखने को मिलता है सफर चाहे कितना ही कठिन क्यों न हो मगर मंज़िल मिल ही जाती है बस बात इतनी है के मेहनत और आशा कभी नहीं छोड़नी चाइये ।

अलविदा इरफ़ान खान !!

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