हौसले उम्र के मोहताज नहीं होते बस कुछ कारण वर्ष छुप जाते हैं। ज़रूरत होती है तो सिर्फ किसी घटना की जब इंसान के अंदर छुपी उसकी क़ाबलियत लोगो के लिए प्रेरणा बनकर बाहर आती है। आज ज्योति को सही मायनो में उसकी सही पहचान मिली है। ये कहानी है भारत की साइकिल गर्ल ज्योति की। लॉकडाउन में लोगो के पलायन की वजा से कोरोना संक्रमण का खतरा और बड़ा वही सरकार भी मुस्तैद हुई। शार्मिक ट्रेंस चलायी गयी लोगो को अपने अपने गंतव्यों पर पहुंचाया गया। दूसरी और एक लड़की जिसने अपने बीमार बाप को १२०० कम की दुरी तेह कर गुरुग्राम से दरभंगा तक साइकिल पर बेखौफ होकर ले आयी वो तारीफ के काबिल है। दरभंगा की रहने वाली लड़की ज्योति ये सुनिश्तित किया के हौसला उम्र देखकर नहीं आता महज़ १५ साल की उम्र में उसने ये कारनामा कर न सिर्फ हिंदुस्तान में अपना नाम कमाया बल्कि सुपर पावर अमेरिका के राष्ट्रपति की बेटी इवांका ट्रम्प तक को अपने कारनामे पर ट्वीट करने पर मजबूर कर दिया |
इवांका , ज्योति और उसके पिता के संग फोटो को ट्वीट करते हुए लिखती हैं १५ साल की मुकर अपने बीमार बाप को १२००कम की दुरी तेह कर अपने घर लायी जिससे भारत के लोग तो प्रेरित हुए ही हैं साथ ही साथ साइकिल फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने भी ज्योति को दिल्ली आने का बुलावा दिए ताकि वो अपने इस हौसले से और प्रेरित करें। "हार तेरे गिरने मैं तेरी हार नहीं, तू इंसान है कोई अवतार नहीं, गिर, उठ, चल, दौड़ फिर भाग, क्योंकि जिंदगी संक्षिप्त है इसका कोई सार नहीं ।"
इवांका , ज्योति और उसके पिता के संग फोटो को ट्वीट करते हुए लिखती हैं १५ साल की मुकर अपने बीमार बाप को १२००कम की दुरी तेह कर अपने घर लायी जिससे भारत के लोग तो प्रेरित हुए ही हैं साथ ही साथ साइकिल फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने भी ज्योति को दिल्ली आने का बुलावा दिए ताकि वो अपने इस हौसले से और प्रेरित करें। "हार तेरे गिरने मैं तेरी हार नहीं, तू इंसान है कोई अवतार नहीं, गिर, उठ, चल, दौड़ फिर भाग, क्योंकि जिंदगी संक्षिप्त है इसका कोई सार नहीं ।"